आप प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने पटवारियों की हड़ताल के मुद्दे पर खट्टर को घेरा
Issue of Patwaris' Strike
पटवारियों की हड़ताल से लोगों के काम अटके, सरकार कर रही अनदेखी : डॉ. सुशील गुप्ता
खट्टर सरकार हरियाणा में कोई भी महकमा चलाने में सक्षम नहीं: डॉ. सुशील गुप्ता
प्रदेश के 14 जिलों में 1 लाख 44 हजार फाइलें पेंडिंग पड़ी: डॉ. सुशील गुप्ता
सीएम खट्टर के गृह जिले करनाल में 4041 रजिस्ट्री और 1842 अन्य प्रमाण पत्र लंबित पड़े: डॉ सुशील गुप्ता
सिरसा में 3000 रजिस्ट्री, 4500 जमाबंदी और 3000 इंतकाल के काम नहीं हो पा रहे: डॉ. सुशील गुप्ता
पटवारियों की हड़ताल से प्रदेश के राजस्व के करीब 400 करोड़ का हो चुका नुकसान : डॉ. सुशील गुप्ता
जल्द से जल्द समाधान निकाल कर राजस्व और जनता के नुकसान को रोके खट्टर सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता
चंडीगढ़, 19 जनवरी: Issue of Patwaris' Strike: आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को पटवारियों की हड़ताल को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को 15 दिन हो चुके हैं। जिससे प्रदेश की जनता के काम अटके पड़े हैं और सरकार लोगों की परेशानियों के समाधान के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार कोई भी महकमा सही से चलाने में सक्षम नहीं है। जहां प्रदेश के सभी कर्मचारी सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज हैं, वहीं पटवारियों की हड़ताल से प्रदेश की जनता के काम अटके पड़े हैं, जिससे लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अकेले अंबाला में 7500 इंतकाल, 1350 जाति प्रमाण पत्र, 210 नक्शे सत्यापन और 50 निशानदेही की फाइलें अटकी पड़ी हैं। लेकिन खट्टर सरकार पटवारियों की मांगों की सुनवाई नहीं कर रही।
उन्होंने कहा कि पटवारियों के धरने से सरकार व आमजन के कार्यों में दिक्कत आ रही है। इस कारण आमजन की परेशानियां भी प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। हड़ताल के चलते भूमि से जुड़े कार्य व रिहायशी प्रमाण-पत्र व दूसरे प्रमाण-पत्रों सहित तहसीलों से जुड़े सभी कार्य पूरी तरह से ठप हैं। लेकिन सरकार पटवारियों की सुनने को ही तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि पटवारियों की हड़ताल से लगभग 400 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो चुका है। आम आदमी पार्टी की हरियाणा सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द समाधान निकाले, राजस्व और जनता का नुकसान होने से रोके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल से प्रदेश के 14 जिलों के 1 लाख 44 हजार फाइलें लंबित हैं। 1678 से ज्यादा जमानत अटक गई है। इसके अलावा 17033 रजिस्ट्री भी अटक गईं। अकेले कुरुक्षेत्र में 100 करोड़ से अधिक का राजस्व अटका हुआ है। वहीं सिरसा में 3000 रजिस्ट्रियां, 4500 जमाबंदी के नक्शे, 3000 इंतकाल, 1800 डोमिसाइल, 350 लोन के लिए फाइल के काम नहीं हो पा रहे।
इसी तरह कैथल में 1000 रजिस्ट्रियां और जमानत को लेकर 200 लोग प्रभावित हैं। झज्जर में 114 पटवारी व 18 कानूनगों कार्यरत हैं। करीब 2 करोड़ के आसपास का राजस्व को रोजाना नुकसान हो रहा है। 150 के आसपास रोजाना रजिस्ट्रियां होती हैं। इसी तरह सीएम खट्टर के गृह जिले करनाल में 4041 रजिस्ट्री, 1842 अन्य प्रमाणपत्र भी लंबित हैं। यमुनानगर में 800 रजिस्ट्रियां प्रभावित हो गई हैं। एक हजार इंतकाल, 1100 के करीब जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र, जमानत को लेकर काम प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा सोनीपत में ही 5300 फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग त्रस्त है। इससे पहले आशा वर्कर, आगनवाड़ी वर्कर, सरपंच से लेकर हर विभाग के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे साबित होता है कि भाजपा सरकार को जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। इनको केवल जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करनी है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने जल्द जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को प्रदेश की सत्ता से बेदखल करने का काम करेगी।
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